एक बार सोचें ..... धर्म परिवर्तन से पहले !

लगभग सभी SC/ST हिन्दू धर्म को छोड़कर बौद्ध धर्म में परिवर्तित हो चुके हैं, लेकिन आरक्षण का लाभ लेने के लिए दिखावे के लिए हिन्दू बने हुए हैं | कोई भी व्यक्ति बौद्ध धर्म स्वीकार कर सकता है | हर व्यक्ति स्वतंत्र है कि वह एक धर्म को छोड़कर किसी भी अन्य धर्म को स्वीकार कर ले | लेकिन ऐसा वह क्यों कर रहा है, यह विचारणीय है | ऐसा क्या है कि जो उसे अपने धर्म में नही मिला वो दूसरे धर्म में मिल गया ?

सामान्यतया कोई भी व्यक्ति हिन्दू है इसलिए क्योंकि उसका जन्म हिन्दू परिवार में हुआ है, कोई मुस्लिम है इसलिए क्योंकि उसका जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ है, कोई सिख है इसलिए क्योंकि उसका जन्म सिख परिवार में हुआ है | इसी तरह अन्य धर्मों के लोग हैं | तो हम धर्म को जन्म पर आधारित मानते हैं | अब जब कोई धर्म परिवर्तित कर रहा है, तो क्या परिवर्तन से पहले उसने अपने धर्म को ठीक से समझा है ? या जिस धर्म में परिवर्तित होने जा रहा है, उसे ठीक से समझ लिया है, जान लिया है ? 

अक्सर लोग अपने ही धर्म को ठीक से जानते नहीं और न ही दूसरे धर्म के बारे में कुछ जानते हैं | और बिना जाने-समझे ही धर्म बदल लेते हैं | वे जानते ही नहीं कि सभी धर्म वस्तुतः एक ही हैं | और धर्म बदल लेते हैं | उन्हें नहीं मालूम कि ईश्वर, अल्लाह, God सब एक ही हैं | "ईश्वर कहो, अल्लाह कहो या वाहेगुरु, जाना जहाँ है वो दिशा तो एक है"। 

और अगर कोई सिर्फ आरक्षण का फायदा लेने के लिए या किसी और राजनैतिक फायदे के लिए धर्म बदलता है तो उससे बड़ा कोई धोखेबाज नहीं, क्योंकि वो न सिर्फ अपने धर्म से धोखा कर है, बल्कि दूसरे धर्म से भी |

लेखक - विक्रम सिंह, (अयोध्या) फैजाबाद.

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